एहसास
ज़हन में
कितनी बातें
याद रखूँ...
एहसासों का समंदर
सैलाब लेकर आता है
ज़िन्दगी
हक़ीक़त के पहाड़ो से
भरी पड़ी है...
लहरें टकराती हैं
तो न
क़लम बचती है
न कागज़...
कितनी बातें
याद रखूँ...
एहसासों का समंदर
सैलाब लेकर आता है
ज़िन्दगी
हक़ीक़त के पहाड़ो से
भरी पड़ी है...
लहरें टकराती हैं
तो न
क़लम बचती है
न कागज़...
-चित्रार्थ
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